
आज के दौर में आधार कार्ड हर छोटे-बड़े काम के लिए आवश्यक दस्तावेज बन चुका है। बैंक खाता खोलने से लेकर मोबाइल सिम लेने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने तक, हर जगह इसकी मांग की जाती है। लेकिन क्या जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य है? आइए जानते हैं सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों के बारे में।
जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी नहीं है आधार
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य दस्तावेज नहीं है। पंजीकरण अधिकारी यदि चाहे तो आवेदक से आधार नंबर मांग सकते हैं, लेकिन यह व्यक्ति की सहमति पर निर्भर करता है। यानी यदि कोई व्यक्ति आधार देना नहीं चाहता, तो उसके बिना भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने भी इस संबंध में कहा है कि आधार केवल पहचान साबित करने का एक वैकल्पिक साधन है, लेकिन इसे बाध्यकारी नहीं बनाया गया है। जन्म या मृत्यु का पंजीकरण कराने के लिए स्थानीय नगर निकाय या पंचायत कार्यालय द्वारा मांगे गए मूल पहचान दस्तावेज पर्याप्त होते हैं।
आधार की जरूरत किन-किन कामों में होती है
भले ही जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन में आधार जरूरी न हो, लेकिन इसके बिना आज कई प्रशासनिक और वित्तीय काम अटक सकते हैं।
- बैंक खाता खोलने के लिए
 - सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में
 - पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय
 - स्कूल/कॉलेज एडमिशन या बोर्ड परीक्षा रजिस्ट्रेशन में
 - PAN कार्ड लिंकिंग और टैक्स संबंधित कार्यों के दौरान
 
आधार में कौन-कौन सी जानकारियां होती हैं
आधार कार्ड में व्यक्ति की पहचान से जुड़ी प्रमुख जानकारियां होती हैं — नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता, फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक विवरण (फिंगरप्रिंट व आईरिस)। इसके साथ ही हर नागरिक को एक 12 अंकों का यूनिक पहचान नंबर जारी किया जाता है जो उसे अन्य पहचान पत्रों से अलग बनाता है।
आधार अपडेट करना क्यों है जरूरी
UIDAI की ओर से समय-समय पर यह सलाह दी जाती है कि देश के नागरिक अपने आधार कार्ड को नियमित रूप से अपडेट कराएं।
- अगर मोबाइल नंबर या पता बदला है तो उसे आधार में अपडेट करना आवश्यक है।
 - अपडेट किए गए आधार से ई-केवाईसी, ओटीपी वेरिफिकेशन, और सरकारी सेवाओं का उपयोग करना आसान होता है।
 - पुरानी जानकारी बने रहने पर कई सेवाओं का लाभ रुक सकता है।
 





