
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों (Birth and Death Certificates) के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि आधार कार्ड को अब जन्म या मृत्यु की तारीख और स्थान के एकमात्र प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यह भी देखें: UP Govt Alert: जन्म तिथि प्रूफ के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं! सरकार का बड़ा फैसला, लाखों लोगों पर असर
क्या है नया आदेश?
राज्यों के योजना विभाग ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि आधार कार्ड में आधिकारिक प्रमाणित जन्म रिकॉर्ड नहीं होता है, इसलिए इसे जन्म प्रमाण पत्र का आधिकारिक दस्तावेज नहीं माना जा सकता है, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, आधार केवल पहचान का प्रमाण है, न कि जन्म या निवास की तारीख का निर्णायक प्रमाण।
पुराने प्रमाणपत्रों का क्या होगा?
महाराष्ट्र सरकार ने विशेष रूप से आदेश दिया है कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के लागू होने के बाद, 11 अगस्त 2023 के बाद केवल आधार कार्ड के आधार पर बनाए गए सभी जन्म प्रमाण पत्रों की समीक्षा की जाएगी और संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें रद्द कर दिया जाएगा, राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अधिकारियों को ऐसे मामलों में पुलिस शिकायत दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
यह भी देखें: UIDAI News: अब फोन उठाओ और मिनटों में बदलो आधार का मोबाइल नंबर! न सेंटर न लाइन, नया तरीका जानें
अब कौन से दस्तावेज मान्य होंगे?
अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए अब नगर निगम जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र (school leaving certificate) या अस्पताल के रिकॉर्ड जैसे अन्य वैध दस्तावेजों का उपयोग किया जाए, महाराष्ट्र में सत्यापन के लिए 16-बिंदु दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं।
यह निर्णय अवैध गतिविधियों के लिए जाली जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।





